धराली के सामने स्थित मुखबा गांव, जिसे मां गंगा के मायके के रूप में जाना जाता है, वहां के लोग भी इस दृश्य को देखकर टूट गए. लोगों ने ईश्वर को पुकारना शुरू कर दिया हे बाबा केदार, ये क्या हो रहा है, रक्षा करो… मुखबा गांव के 60 वर्षीय निवासी सुभाष चंद्र सेमवाल, जो स्वयं इस भयावह त्रासदी के चश्मदीद हैं, ने कहा, मैंने अपने जीवन में ऐसा मंजर कभी नहीं देखा.