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Ground Report: 'टूरिस्ट डल झील चले गए, लोकल दुत्कारते हैं', झेलम के पानी में हाउसबोट ही नहीं, जिंदगी भी खा रही हिचकोले

श्रीनगर की झेलम नदी लगभग कुछ सालों पहले घाटी का असल कशिश थी. उसके किनारे बसे मोहल्ले, लकड़ी के पुल और हाउसबोट, सब मिलकर कश्मीर को पिक्चर-परफेक्ट बनाते. लेकिन अब मंजर बदल चुका है. झेलम में कितनी ही हाउसबोट्स हैं, जहां मेहमानखाने में लंबे समय से मेहमान ठहरे ही नहीं. पानी किनारे बसे और उसी पर गुजारा करने वाले इस समुदाय के कई दर्द हैं, जिनपर aajtak.in ने बात की.   

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