इस बयान के बाद कई लोगों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के दो साल पहले दिया गए बयान को याद किया जिसमें उन्होंने यूरोप के पाखंड को दुनिया के सामने रखा था. जयशंकर ने कहा था, “यूरोप को यह समझना होगा कि उसके मुद्दे दुनिया के मुद्दे नहीं हैं, लेकिन दुनिया के मुद्दे उसके लिए महत्वहीन हैं.”

