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Exclusive: 'बिना लोकल इनपुट के मुमकिन नहीं था पहलगाम अटैक', आतंकियों के मददगार OGW का कुबूलनामा

OGW ने बताया कि ये काम किसी पर भरोसा कर चुनने से शुरू होता है. आतंकी अपने सर्किल से ऐसा युवक चुनता है जो मानसिक रूप से तैयार हो, डरता न हो और उनकी मदद कर सके. हमें कहा जाता था कि जो बोला जाए, वो हर हाल में करना है. इंटरव्यू में युवक ने कहा कि OGW, सेना और पुलिस की मौजूदगी की खबर आतंकियों तक पहुंचाते हैं ताकि वे सही वक्त पर हमला कर सकें.  

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