भारत पाकिस्तान के बीच 2025 में हुए सीजफायर को न केवल एक संघर्ष की समाप्ति के रूप में याद किया जाएगा, बल्कि दक्षिण एशिया में एक नई रणनीतिक व्यवस्था की शुरुआत के रूप में भी याद किया जाएगा, जिसकी रचना वाशिंगटन या मॉस्को ने नहीं, बल्कि नई दिल्ली ने की है.