पाकिस्तान में बीते पांच दशकों में पहली बार किसी आर्मी चीफ को यह रैंक मिली है. इससे पहले जनरल अयूब खान ने तख्तापलट और राष्ट्रपति बनने के साथ-साथ 1959 में खुद को फील्ड मार्शन बना लिया था. पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का पद पाकिस्तानी सशस्त्र बलों में सर्वोच्च पद है.