मोहन भागवत ने कहा, ‘हिंदू समाज और भारत एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, इसलिए हिंदू समाज की गरिमा भारत को भी गौरव दिलाएगी. एक सशक्त हिंदू समाज ही उन लोगों को साथ लेकर चलने का आदर्श प्रस्तुत कर सकता है, जो आज खुद को हिंदू नहीं मानते, जबकि किसी समय वे भी हिंदू ही थे. यदि भारत का हिंदू समाज मजबूत होता है, तो स्वाभाविक रूप से दुनिया भर के हिंदुओं को भी ताकत मिलेगी.’

