डीके शिवकुमार ने इस दौरान भावुक होते हुए कहा कि मुझे बच्चों की चिंता है, उन छोटे-छोटे बच्चों की. मैंने देखा कि वे 15 साल के बच्चे थे. मैंने अपनी आंख से कम से कम 10 लोगों को दम तोड़ते देखा. कोई भी परिवार इस क्षति को सहन नहीं कर सकता.
डीके शिवकुमार ने इस दौरान भावुक होते हुए कहा कि मुझे बच्चों की चिंता है, उन छोटे-छोटे बच्चों की. मैंने देखा कि वे 15 साल के बच्चे थे. मैंने अपनी आंख से कम से कम 10 लोगों को दम तोड़ते देखा. कोई भी परिवार इस क्षति को सहन नहीं कर सकता.