मिहीलाल बताते हैं, मैं पौधा लेने जा रहा था, देखा कि भट्ठे पर काफी लोग जमा हैं. जैसे ही मैं पास पहुंचा, अचानक भट्ठे के अंदर से तेंदुआ निकला और मुझ पर झपटा. उस वक्त वहां से भागने का कोई रास्ता नहीं था. मैं जानता था कि अगर पीठ दिखाई तो जान से हाथ धो बैठूंगा, इसलिए मैं डट गया. वह बताते हैं कि तेंदुए के जबड़े से बचते हुए मैंने पूरी ताकत से उसे पकड़ लिया.