चीन द्वारा पाकिस्तान को सैटेलाइट डेटा साझा करना एक रणनीतिक कदम है, जो पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को बढ़ाता है. भारत के लिए नई चुनौतियां पैदा करता है. युद्ध के समय यह सहायता पाकिस्तान को भारतीय सैन्य गतिविधियों को ट्रैक करने और हमलों को सटीक बनाने में मदद करती है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ता है.