Headlines

हिटलर, मुसोलिनी, स्टालिन… सभी को थी नोबेल शांति पुरस्कार की चाह, नॉमिनेशन में छिपी हैं चौंकाने वाली कहानियां!

1939 का दौर था. जर्मनी में हिटलर जबरदस्त लोकप्रिय हुआ जा रहा था. यूं तो उनके विरोधी उससे सीधे कुछ कह नहीं सकते थे. इस परिस्थिति में स्वीडन के एक सांसद ने अपना विरोध जताने का तरीका निकाला. उन्होंने तत्कालीन यूरोपीय नेताओं की तुष्टिकरण नीति पर तंज कसने के लिए हिटलर का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट कर दिया. इसके लिए लिखे पत्र में उन्होंने हिटलर को “शांति का दूत” कहा था. फिर क्या था यूरोप की बौद्धिक बिरादरी में खूब बवाल हुआ.  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *