सऊदी अरब के एयरपोर्ट पर राजू राठौड़ उर्फ वसीम से पहली बार मिली. गाड़ी में बैठते ही उसने कॉल पर किसी से कहा, सामान आ चुका है. मैं समझ नहीं सकी. वो सामान मैं थी. अगले कुछ घंटों में मेरा धर्म परिवर्तन होना था और ग्राहक शेखों की लिस्ट भी बन चुकी थी. ये बात है साल 2021 की. आज छांगुर बाबा जेल में है, लेकिन मेरी जिंदगी के चार साल गायब हो चुके.