खेतों, खेलों और खुशहाली से भरा हरियाणा बीते कुछ सालों में एकदम-से बदल गया. अब खेतों की जगह ऊंची इमारतें हैं. खेल खत्म हो चुके. और खुशहाली की जगह खालीपन बस गया. हरे-भरे नक्शे पर जगह-जगह खरोंच हैं- नशे की, डिप्रेशन की…और शर्म की! शर्म – नशा करने की…शर्म- नशा छोड़ने की! aajtak.in ने हरियाणा और उससे सटे राजस्थान बॉर्डर पर नशा और नशा मुक्ति केंद्रों को देखा.