ईशांत सिंह कलेक्ट्रेट में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे. कुछ साल पहले उनकी मां की मृत्यु के बाद उन्हें मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी मिली थी. उनके पिता की भी मृत्यु पहले ही हो चुकी थी. करीब पांच वर्ष पहले उनकी शादी हुई थी. ईशांत का 22 जुलाई को 30वां जन्मदिन था, किसी को अंदाजा नहीं था कि यह जन्मदिन अब कभी नहीं आएगा.